Thursday, 10 June 2021

जिन्दगी का नया सबेरा....

जिन्दगी का नया सबेरा
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जिन्दगी का क्या भरोसा
 तूँ  स्वयम प्रकाश उसका
 मत निराश होना कभी मन
 जिन्दगी का होता हर दिन नया सबेरा।।

कुछ बाते अनसुनी सी
कुछ दास्ताँ अनकही सी
किस सोच में है पड़ा तूँ....
जिन्दगी का अहम हिस्सा है तूँ....।।

कदम क्यों रुक गए तेरे
पड़ाव अभी हैं  बहुतेरे
चलता रह चींटियों की चाल से
रूबरू कराएगा वही मंजिलो से....
जो  साथ साथ चल रहा सदा है तेरे।।

खामोशियों में भी एक संदेश होगा
अन्तर्मन को तुझे ही खंगालना होगा
रवि किरण उदयमान होंगी एक दिन...
वही दिन जिन्दगी, तेरा नया सबेरा होगा।।

               उर्मिला सिंह

4 comments:

  1. खामोशियों में भी एक संदेश होगा
    अन्तर्मन को तुझे ही खंगालना होगा
    रवि किरण उदयमान होंगी एक दिन...
    वही दिन जिन्दगी, तेरा नया सबेरा होगा।।
    नव संदेश ,नव ऊर्जा देती रचना ।

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  2. हार्दिक धन्यवाद जिज्ञासा जी।

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  3. खामोशियों का सन्देश हर कोई कहाँ सुन पाता है ...
    वक़्त सुनाने की चेष्टा तो करता है पर ...
    सुन्दर भावपूर्ण रचना ...

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  4. हार्दिक धन्यवाद दिगम्बर जी आपका उत्साहवर्धन
    के लिए।

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