Sunday, 24 October 2021

अदालत अन्तरात्मा की......

   मंगलमय सुप्रभात🙏🏻🙏🏻
     🌼🌼🌼🌼🌼

कभी अन्तरात्मा की अदालत में जाया करिए,
स्वयम को पहचानने में भूल हो न जाए,
हदय को  भी  जरा  खंगाला करिए,
ह्रदय दर्पण है आपकेव्यक्तित्व का... 
इसे भी संवारा  संवारा करिए।।
       💐💐💐💐💐
            उर्मिला सिंह

5 comments:

  1. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (26 -10-21) को "अदालत अन्तरात्मा की.."( चर्चा अंक4228) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
    --
    कामिनी सिन्हा

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  2. शुभ प्रभात- सादर धन्यवाद आपको कामनी जी हमारी रचना को चर्चा मंच पर रखने के लिए।

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  3. बहुत सुंदर पंक्तियाँ आदरणीय ।

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    1. शुक्रिया दीपक कुमार जी।

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