Sunday, 14 July 2019

शब्दों की अपनी गरिमा होती है ,ये दोस्त है तो दुश्मन भी प्यार है तो नफरत भी अतएव शब्दों को सोच समझ कर खर्च करें यही आपकी वास्तविक संपदा है

शब्द.....
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जीवन
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शब्द कम हो पर ,
अर्थ असीमित !
दान कम हो पर ,
करूणा असीमित!!
जीवन कम हो पर,
अच्छाई असीमित!
है सार यही जीवन  का !
      क्यों कि---
जीवन ....है सीमित
असीमित ....नही !!
     ***0***
        #उर्मिल

6 comments:

  1. बहुत गूढ़ और सार्थक अभिव्यक्ति दी।

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  2. वाह
    यथार्थ
    लाजवाब सृजन

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    1. शुक्रिया रवीन्द्र भारद्वाज जी

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  3. बहुत सुंदर और सार्थक सृजन

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