Wednesday, 3 July 2019

वो दर्द जो समझ नही पाता कोई बस चतुर्दिक दिशाएं उस पीड़ा की गवाह होती हैं.....

आंखों की घायल खामोसी दर्द उड़ेला  करती....
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अजनबी  लोगों को देख के घबराई हुई आंखे

तन को बेधती देख ,सहमी डरी हुई सी आंखे

बर्फ सा ठंढ़ा  बदन दर्द से कराहती हुई सी आंखें

जिन्दगी को बेनूर बनते देखती हुई सी आंखे!!

                🌷उर्मिला सिंह


2 comments:

  1. मार्मिक पंक्तियां

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  2. हार्दिक धन्यावाद प्रिय अनुराधा

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