Friday, 19 July 2019

अहसास जो जिन्दगी का अभिन्न अंग होता है, भुलाए से भी नही भूलता जो सासों के संग होता है.....

अहसा.......

दिल के तहखाने में छुपे हुवे कुछ एहसास.....
हर्फ...हर्फ...उसके,कागज पर उतार दिया
पर न जाने कब अश्कों का.....
समन्दर छलकने लगा.....
हर्फ़ गीले हो मिटने लगे.....
खामोशी.....जख़्मी होती रही
एहसास हिचकियाँ भर मरता रहा....

             🌷उर्मिला सिंह

4 comments:

  1. बेहतरीन अभिव्यक्ति दी

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  2. एहसासों पर सुन्दर अभिव्यक्ति

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  3. धन्यवाद प्रिय अनुराधा

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  4. हार्दिक धन्यवाद ऋतु जी

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