मर कर किसने देखा है जीवन क्या होता है
जीवन जी कर देखो जीवन गुलजार होता है।।
खिलता है फूल काटों में काटों की फिक्र नही करता
सबके सुख -दुख में सदा भागीदार होता है।।
धूप -छाँव सुख-दुख जीवन-मरण एक दूसरे के पूरक हैं
इनसे डरना कैसा ये तो जीने की राहों का यार होता है।।
माना कि आदर्शो की राहोँ में दुश्वारियां बहुत हैं
चल कर तो देखो जीवन संतुष्ठियों का भरमार होता है।।
देशभक्ति से बढ़कर धर्म नही,देश प्रेम से दूजा प्रेम नही
इस प्रेम में जो डूबा वह इस जन्म का अवतार होता है।।
उर्मिला सिंह
जी आभार आपका मान्यवर।
ReplyDeleteडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री जी हार्दिक धन्यवाद आपका।
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ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 19 अगस्त 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
हार्दिक धन्यवाद पम्मी जी हमारी रचना को शामिल करने के लिए।
Deleteवाह
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद मान्यवर।
Deleteबहुत खूब जीवन
ReplyDeleteशुक्रिया अनिता जी।
Deleteबहुत सुंदर सृजन दी सच कहा आपने
ReplyDeleteमर कर किसने देखा है जीवन क्या होता है
जीवन जी कर देखो जीवन गुलजार होता है।।
बहुत बहुत खास।
अप्रतिम सृजन।
स्नेहिल धन्यवाद प्रिय कुसुम
Deleteखिलता है फूल काटों में काटों की फिक्र नही करता
ReplyDeleteसबके सुख -दुख में सदा भागीदार होता है।।
-प्रेरणादायक विचारों की सुन्दर प्रस्तुति । हृदयस्पर्शी रचना के लिए हार्दिक आभार ।
जीवन की अच्छी व्यख्या ...
ReplyDeleteसुन्दर विवेचना ..
सराहनीय रचना...
💐💐
वाह
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