बड़ा नीक लागे ,हमार भारत देसवा...
गंगा बहत हैं , जमुना बहत हैं..
और बहै सरयू क निर्मल धारा....
बड़ा नीक लागै.....
सिरवा पे सोहेला मुकुट हिमालय...
अरे पउवॉ पखारे हिन्द सागरवा...
बड़ा नीक लागै ....
भारत देसवा क वीर महतारी....
ओकरे दुधवा में बहै देशभक्ति क ओजवा...
बडा नीक लागै ......
देशवा के खातिर आपन जिनगी लुटइलैं.....
मां भारती खातिर सिरवा कटइलैं...
तिरंगा के खातिर हो गइलन कितने शहीदवा.....
बड़ा नीक लागै ....
अलग अलग बोली , अलग अलग भाषा....
गीता , रामायण ,महाभारत पढै सब ....
अरे पंडित उच्चारें पोथी पतरा और वेदवा......
बड़ा नीक लागै , हमार भारत देशवा ......
छब्बीस जनवरी ,पन्द्रह अगस्तवा.....
लागेला हमके सबसे नीक त्योहरवा...
तिरंगा फैलाई के गाइला जनगड़ मन...
कहीला 'जय भारत माता,जय भारत देशवा....
बड़ा नीक लागै ,हमार भारत देशवा.....
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बड़ा नीक लागै ,हमार भारत देशवा.....
ReplyDeleteसच नीक तो है देश हमारा लेकिन अब वैसे देशभक्त कहाँ मिलेंगे
जय भारत !
बहुत सुन्दर
हार्दिक धन्यवाद कविता रावत जी।
ReplyDeleteनिम्मन गीत बहुते नीक लागल...
ReplyDeleteस्नेहिल धन्यवाद प्रीती
ReplyDeleteवाह!उर्मिला जी ,बहुत सुंदर 👌👌
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद शुभा जी।
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