भारत माँ का मुकुट हिमालय है
तो हिंदी मस्तक की बिंदी ।
पहचान हमारी अस्मिता हमारी
मान हमारा है हिंदी ।
हिन्दी भाषा के विकास का इतिहास भारत में आज का नहीं सदियों पुराना है । भारत की राज भाषा हिंदी,विश्व की भाषाओं में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
हिन्दी भाषा को जानने के लिए यह जानना परम आवश्यक है कि हिन्दी शब्द का उद्गम कैसे हुआ ।
हिंदी शब्द संस्कृत के सिन्धु शब्द से उत्पन्न हुआ है।
और सिंधु , सिंध नदी के लिए कहा गया है।
यही सिंध शब्द ईरानी भाषा मे पहले हिंदू, फिर हिंदी और बाद में हिन्द के नाम से प्रचलित हुआ और इस प्रकार हिंदी का नामकरण हुआ ।
हिंदी का उद्भव संस्कृत से हुआ जो सदियों पुरानी और अत्यंत समृद्ध भाषा है। और इसी संस्कृत भाषा से हमारे वेद ,पुराण,मन्त्र आदी प्राचीन काव्य और महाकाव्य लिखे गए हैं।
हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी है जिसे विश्व मे सबसे अधिक वैज्ञानिक माना गया है ।
हिंदी साहित्य का क्षेत्र बहुत ही परिष्कृत और विस्तृत है।
साथ साथ हिंदी व्यवहारिक भाषा है। बच्चा जन्म लेने के
पश्चात सर्व प्रथम माँ शब्द का ही उच्चारण करता है ।
हिंदी भाषा में प्रत्येक रिश्तों/सम्बन्धों के लिए अलग अलग शब्द होते हैं।जबकि अन्य किसी भाषा में ऐसा नहीं मिलता।
हिंदी भाषा की 5 उप भाषाएँ हैं तथा कई प्रकार की बोलियाँ प्रचलित हैं। आज कल इंटरनेट पर भी हिंदी भाषा का बाहुल्य है। हिन्दी ऐसी भाषा है जो हमें सभी से जोड़ने का
प्रयत्न करती है । हिंदुस्तान के हर प्रदेश में हिंदी भाषा बोली जाती है भले ही टूटी फूटी क्यों न हो ।
विश्व में सबसे ज्यादा बोलने वाली भाषा हिन्दी ही है।
ऐसा मेरा मानना है।
युग प्रवर्तक भारतेन्दु हरीश चंद्र जी ने हिन्दी साहित्य के माध्यम से नव जागरण का शंखनाद किया।
उन्होने लिखा:
"निज भाषा उन्नति है,
सब उन्नति का मूल।
बिनु निज भाषा ज्ञान के,
मिटे न हिय का शूल ।"
हमारे देश का दुर्भाग्य रहा है कि हिन्दी भाषा का जो स्थान होना चाहिए वो आज तक हिंदी भाषा को प्राप्त न हो सका।
अतएव आप सभी से अनुरोध है कि जितना हो सके हिंदी भाषा के विकास हेतु कार्य करें।
किसी भी देश की मातृ भाषा उस देश का श्रृंगार/गौरव होता है अतएव उस श्रृंगार को निरंतर सजाते संवारते रहें।
जितना भी हो सके हमलोगों को हिंदी के विकास के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए।
हिंदी भाषा हमारी पहचान है, हमारी आन -बान- शान है।
धन्यवाद...
जय हिंद .
जय भारत...।।
..... उर्मिला सिंह
बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteहिन्दी दिवस की अशेष शुभकामनाएँ।
मान्यवर हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (15-9 -2020 ) को "हिंदी बोलने पर शर्म नहीं, गर्व कीजिए" (चर्चा अंक 3825) पर भी होगी,आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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कामिनी सिन्हा
कामनी जी हार्दिक धन्यवाद आपको हमारी रचना को साझा करने के लिए।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद ओमकार जी।
Deleteबहुत सही कहा दी आपने।
ReplyDeleteसुंदर सार्थक सृजन।
स्नेहिल धन्यवाद प्रिय कुसुम।
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