गरीबी जागीर है गरीबों की, भूखे पेट सोना तक़दीर है
आसमा छत है, ज़मीं बिस्तर ख़्वाबों की यही ताबीर है
हजारों बार जीते हजारों बार मरते तेरी दुनिया में मलिक
छलकते दर्द की सिसकियाँ समेटना उनकी यही तस्वीर है!!
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उर्मिला सिंह
वाह! बहुत खूब!!!
ReplyDeleteबहुत खूब ...
ReplyDeleteसच को लिखा है ...
सादर आभार
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