Friday, 1 November 2019

गरीबी......

गरीबी जागीर है गरीबों की, भूखे पेट सोना तक़दीर है
आसमा छत है, ज़मीं बिस्तर ख़्वाबों की यही ताबीर है
हजारों बार जीते हजारों बार मरते तेरी दुनिया में मलिक 
छलकते दर्द की सिसकियाँ समेटना उनकी यही तस्वीर है! 
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               उर्मिला सिंह 


 

2 comments:

  1. अंतस को छूता हृदय स्पर्शी सृजन दी.
    सादर

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  2. हार्दिक धन्यवाद प्रिय अनिता जी

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