Sunday, 3 November 2019

हल्की हल्की सर्द हवाऐं....

हल्की हल्की सर्द हवा मीठा मीठा दर्द
यादों के पन्नों पर उभरे नीले नीले हर्फ़!
                    ***0***
आया माह नवंबर मौसम हुआ गुलाबी
लफ़्ज़ लफ़्ज़ में तुम, ग़ज़ल हुई शराबी! 
                      ***0***
                         उर्मिला सिंह 

4 comments:

  1. वाह दी गजब सच मन मोह लिया आपके इस रोमांचक बन्ध ने ।
    उम्दा/बेहतरीन।

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  2. सुन्दर अभिव्यक्ति...

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