जैसे अम्बर में चमकता आफताब है!
गुलशन में फूलो का राजा गुलाब है!!
सुन्दरता की मिसाल बता तुझे क्या दूँ !
तिरी खुशबू का नशा छलकता जाम है!!
तुझसे प्रेमियों का गुलशन आबाद है!
प्यार का नज़राना खिलता गुलाब है!!
काटों में मुस्कुराहट तेरी बेमिशाल है!
दर्द में जीने का हौसला तेरा होता कमाल है!!
तेरी पंखुड़ियों पे टपकते बादल के अश्क को!
मोती का खिताब देना लगता लाजबाब हैं!
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🌷उर्मिला सिंह
ReplyDeleteजी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना ....... ,.8 जनवरी 2020 के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद
हार्दिक धन्य वाद Pammi जी मेरी रचना को साझा करने के लिये!
Deleteबहुत ही खूबसूरत अल्फाजों में पिरोया है आपने इसे... बेहतरीन
ReplyDeleteहार्दिक धन्य वाद मान्यवर
Deleteबहुत खूबसूरत रचना दी सरस कोमल ।
ReplyDeleteधन्य वाद प्रिय कुसुम
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