Wednesday, 8 January 2020

दिन ब दिन विद्या का मन्दिर.......

दिन ब दिन विद्या का मन्दिर..... 
 
 सियासत के हाथों कठपुतली हो गई 
 दिन ब दिन देश भक्ति  बेसुरी हो गई
 माना कि जनतंत्र में अधिकारों की भरमार है
 पर कर्तव्य के पाठ पर क्यों मची हुई चित्कार है! 

सुप्त जानवर बसा है सियासत के इस खेल में 
युवावो के जज़्बातों से हर वक़्त खेलता खेल है 
नहीं चिन्ता सियासत को युवाओं के  भविष्य का 
सियासत भूल बैठी देश हित  कुर्सी के इस खेल में!! 

जल रही देश की संपत्ति जो देशवासियों की कमाई है 
विपक्ष ये विरोध नहीं,तुम्हारे मरते ज़मीर की कहानी है
कब तक छलोगे जनता को संविधान बचाओ की आड़ में 
कितना भ्रमित  करोगे जनता को तुम बापू के नाम से!! 
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                          उर्मिला सिंह

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