Monday, 29 June 2020

बिखरे मोती....

बिखरे मोती......

बिखरे मोती.......

अंधेरे को रोशनी में नफ़रत को प्यार में ढाल कर तो देखो;
क्रोध में शीतलता ,भक्ति से ज्ञान जरा अर्जित 
करके तो देखो;
 
दृढ़ता और शालीनता के बृक्ष की छाओं में
 बैठ कर तो देखो;
 सफलता कदमो को चूमेंगी धैर्य की चादर पलभर  ओढ़ कर तो देखो;

वाणी में मधुरता चेहरे पर खुशमिजाजी का 
भाव लाकर तो देखो;
जिन्दगी कभी दूसरों के लिये अर्पित कर के तो देखो ;

अभिमान को त्याग, कभी झुक कर  ह्रदय में सकूँन। खोजो;
जिन्दगी का मोती  जिंदगी के सागर में  ढूढ कर तो देखो।

                           #उर्मिल

4 comments:

  1. वाणी में मधुरता चेहरे पर खुशमिजाजी का
    भाव लाकर तो देखो;
    जिन्दगी कभी दूसरों के लिये अर्पित कर के तो देखो..
    समर्पण भाव लिए बेहतरीन सृजन आदरणीय दी .

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    1. स्नेहिल धन्यवाद प्रिय अनीता सैनी जी।

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  2. अभिमान को त्याग, कभी झुक कर ह्रदय में सकूँन। खोजो;
    जिन्दगी का मोती जिंदगी के सागर में ढूढ कर तो देखो।
    बहुत ही सुंदर सोच और बेहतरीन सृजन ,सादर नमन आपको

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  3. हार्दिक धन्यवाद कामनी जी।

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