जा रहा दिसम्बर दहलीज पर खडी जनवरी
जो दर्द झेलें उन्हें सलाम किये जारहा आखिरी
आने वाले वर्ष खुशियों का पैगाम देना.....
मायूस चेहरों को खुशयों की सौगात देना .....
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चलते हुए पाँओं ज़रा ध्यान दे के चलना
पाओं की धूल से किसी की मंजिल न रुक जाए।
किसी के अश्कों को जमीं पर गिरने न देना
इंसानियत की बुलंदियों को शर्मिंदा होने न देना।।
मीठे लफ्ज़ जा जादू जहां में बिखेरते रहना
हर मुसीबत सब्र के साथ बर्दास्त करते रहना।।
हर हाल में प्रभु कृपा का गुणगान करते रहना
मायूसियां प्रभु का दिया वरदान समझते रहना।।
राष्ट्र प्रेम से बढ़कर होता नही कोई प्रेम दुजा,
हर सम्बन्ध राष्ट्र पर उत्सर्ग करते रहना।।
उर्मिला सिंह