Sunday, 10 May 2020

माँ.....

माँ तो सांसों में जीवन के हर पल में होती
माँ का कोई मुख्य दिन भी होता है ,
ये तो अता पता ही नही था मुझको....
हर दिन हमको तो माँ का दिन लगता है ।

उनके चरण स्पर्स जब जब करते थे ,
दुवाओं के पुष्प सदा हम पर गिरते थे
माँ के ममतामयी हथेलियों का स्पर्श
आज भी मन पल-पल अनुभव  करता  हैं ।
यादों के दिव्य कोष में माँ नाम अमर रहता है

उनकी मीठी-मीठी झिड़कियां सुनने को ,
आज भी  कान हमारे तरसा करते हैं ।
उनके हाथो के पकवानों की खुशबू  को.. 
अब उनकी यादों में हम ढूँढा करते है ।

माँ के पास थी नही  डिग्रियां कोई  
पर उनसा शिक्षक मिला न कोई  ।
तीन बच्चों की माँ हूँ,पर आदर्श उन्ही का-
बच्चों को,जीवन में सिखालाती  आई !

माँ में रामायण गीता , माँ में तुलसी माला,
माँ के चरणों में हरिद्वार,काशी और मथुरा !
माँ ममता की सागर , माँ  में ही परम् मोक्ष ,
चरणों में नतमस्तक रहेगा सर्वदा मन मेरा

यह सच है तुम देती नही मुझे दिखाई -पर
तेरे दिए संस्कार जिंदा हैं मुझमें आज भी
शाम को देहरी पर दीपक जलाना याद सदा रहता
तेरे पार्थना के स्वर गूँजते 'माँ' कानों में आज भी।।
         ******0******0*****
                           उर्मिला सिंह
        

17 comments:


  1. माँ में रामायण गीता , माँ में तुलसी माला,
    माँ के चरणों में हरिद्वार,काशी और मथुरा !
    माँ ममता की सागर , माँ  में ही परम् मोक्ष ,
    चरणों में नतमस्तक रहेगा सर्वदा मन मेरा

    वाह... जीतना बखानिये उतना कम है ।माँ का कोई सानी नहीं।

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    1. शुक्रिया सुधा सिंह जी।

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  2. माँ में रामायण गीता , माँ में तुलसी माला,
    माँ के चरणों में हरिद्वार,काशी और मथुरा ! बेहद खूबसूरत रचना दी 👌

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    1. स्नेहिल धन्यवाद प्रिय अनुराधा जी।

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  3. माँ की ममता आगे सब कुछ तुच्छ लगता है ..बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति .

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    1. शुक्रिया मीना भारद्वाज जी

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  4. माँ की ममता का बेहद सुंदर चित्रण ,सादर नमन

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    1. हार्दिक धन्यवाद मान्यवर

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  6. क्षमा चाहती हूँ आमंत्रण में मैंने दिनांक गलत लिख दिया हैं ,आज 12 -5 -2020 की प्रस्तुति में आपका हार्दिक स्वागत हैं। असुविधा के लिए खेद हैं।

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  7. शाम को देहरी पर दीपक जलाना याद सदा रहता ... बहुत खूब उर्म‍िला जी

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    1. हार्दिक धन्यवाद अलकनन्दा जी

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  8. कामनी जी रचना को चर्चा अंक में शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद ।

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  9. वाह मां में रामायण गीता
    सुंदर सृजन

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