रात के निमन्त्रण पर
तारे छा गए अम्बर पर
चाँद भी रुक न पाया
जब चाँदनी ने ......
आकर जाम छलकाया।।
इश्क की दस्तक हुई
पवन ने मीठी सुर छेड़ी
रात मुस्कुरा उठी......
दिलों में हलचल हुई...
ख़ामोश आंखे मदहोश सी....
रात की दहलीज पर....
दो फूल घायल.....
निः शब्द ......
***0***
उर्मिला सिंह
साहित्य में सराबोर....
ReplyDeleteश्रृंगार युक्त...
खूबसूरत रचना....
मंगलमय सुप्रभात...💐💐
Wah
ReplyDeleteप्यार का आमंत्रण सुखद हवा लेकर आती है
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति
हार्दिक धन्यवाद कविता रावत जी।
ReplyDeleteनमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में मंगलवार 02 जून 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
नमस्ते रविन्द्र सिंह जी, मेरी रचना को साझा करने के लिए हार्दिक धन्यवाद।
Deleteबहुत ही सुन्दर रचना
ReplyDeleteशुक्रिया अभिलाषा जी।
Deleteसुन्दर सृजन
ReplyDeleteआभार मान्यवर।
Deleteसुंदर रचना
ReplyDeleteशुक्रिया विभा जी।
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteधन्यवाद प्रिय अनुराधा चौहान जी।
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