Saturday, 2 May 2020

उम्र जाते जाते....

उम्र जाते जाते .....
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जिन्दगी! पतंग की तरह अम्बर में  उड़ जाने दे
उमंगो की स्वर  लहरी हवाओं  में बिखर जाने दे!       

तिमिर आच्छादित न हो  भावों को जरा महकने दे
कल  किसने देखा हँस के जिन्दगी गुजर जाने दे! .

जिन्दगी जीने की कसक रह न जाये कोई बाकी
रातरानी के फूलों से आज अंचल  भर जाने दे !  

बिछा के पलकों के  जाल कैद करलूँ उसको
उसके अधरों की मुस्कान संगीत बन जाने दे  !  

सिहर उठती है उर सरिता दिनकर छवि देख कर
नव प्रभात भरता उजास किरण संग मचल जाने दे!
     
                                                 #उर्मिल



                          
     
                        
                              ...
                              के
  

4 comments:

  1. आशा, उम्मीद और प्रेम का भाव लिए सुन्दर गीत ...
    लाजवाब ...

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    1. हार्दिक धन्यवाद मान्यवर।

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  2. Replies
    1. ह्रदयतल से धन्यवाद विश्वमोहन जी।

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