उम्र जाते जाते .....
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जिन्दगी! पतंग की तरह अम्बर में उड़ जाने दे
उमंगो की स्वर लहरी हवाओं में बिखर जाने दे!
तिमिर आच्छादित न हो भावों को जरा महकने दे
कल किसने देखा हँस के जिन्दगी गुजर जाने दे! .
जिन्दगी जीने की कसक रह न जाये कोई बाकी
रातरानी के फूलों से आज अंचल भर जाने दे !
बिछा के पलकों के जाल कैद करलूँ उसको
उसके अधरों की मुस्कान संगीत बन जाने दे !
सिहर उठती है उर सरिता दिनकर छवि देख कर
नव प्रभात भरता उजास किरण संग मचल जाने दे!
#उर्मिल
...
के
आशा, उम्मीद और प्रेम का भाव लिए सुन्दर गीत ...
ReplyDeleteलाजवाब ...
हार्दिक धन्यवाद मान्यवर।
Deleteलाज़वाब!
ReplyDeleteह्रदयतल से धन्यवाद विश्वमोहन जी।
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