Tuesday 19 May 2020

भूख से बेहाल तन...

भूख से बेहाल तन ,भय से है गमगीन मन 
ख़ामोशी का समंदर ,विषयुक्त हुवा पवन 
सूनी राहें सन्नाटा पसरा ,ठिठका नज़र आता चाँद भी
आती जाती सांसे ,गिन रही हैं अपने दिन।

किन्तु हम फिर  जिंदगी को ,मधुमास कर लेंगे
हम पुनः मिल कर सभी में विश्वास भर लेंगे ।।

प्रकृति से खिलवाड़ ही ,विध्वंसकारी होगया
प्रकृति का रोष ,पंजे फैलाये ,नाग सा डस रहा
पर एक दिन ऐसा आएगा,मानव मन पछतायेगा
तृष्णा की बढ़ती ललक का, शीघ्र अवसान आयेगा।

तब फिर नई किरणे नव सर्जन का गान कर लेंगे
हम फिर  जिंदगी को ,मधुमास कर लेंगे........।

 चंचल तितलियों की, फिर धमाचौकड़ी होंगी
रात के संजोये, हसीन सपने सभी पूर्ण होंगे
धरा पर फिर नव बिहान, नव रस गान होंगे
हरिताभ खेत,बन,उपवन ,लहलहा के झूमेंगे ।

नूतन प्रकाश से धरा का ,कोना कोना भर लेंगे
हम फिर जिंदगी को ,मधुमास कर लेंगे.....।

इस नये जग का सृजन ,विश्वास की छाँव होगी
अधरों पे मुस्कान ,आंखों में प्यार होगा
प्रीत,के नवांकुर उगेंगे ,उर में करुण भाव होगा
स्वासों में सभी के ,प्यार और सत्कार होगा।

हर तरफ हम नव उल्लास  का ,आगाज़ कर लेंगे
हम मिल के फिर जिन्दगी को ,मधुमास कर लेंगे।।

जिन्दगी वश में नही,है किसी के यहां
सांस-सांस पर पहरा यहां है काल का
जो बचेगा वही नव सृजन नव उत्थान होगा
सत्य को परखना जो जनता है वही -
देश के लिए वरदान होगा.......।

धैर्य,आशा विश्वास श्रद्धा से जीवन सुगन्धित कर लेंगे
हम पुनः मिल कर फिर जिन्दगी मधुमास कर लेंगे.......।

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                        उर्मिला सिंह




17 comments:

  1. अत्यन्त सुन्दर और सामयिक रचना...
    कोविड 19 वाइरस की वजह से समाज और सम्पूर्ण देश मे व्याप्त डर और भय के माहौल में सांत्वना देती हुई रचना,...

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  2. बहुत सार्थक यथार्थ दी दी।
    संवेदनशील सृजन।

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    1. स्नेहिल धन्यवाद प्रिय कुसुम।

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  3. स्नेहिल धन्यवाद प्रिय कुसुम।

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  4. समय की नब्ज टटोलती सुंदर रचना
    बधाई

    पढ़े--लौट रहैं हैं अपने गांव

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    1. हार्दिक धन्यवाद ज्योति खरे जी।

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  5. वह सुबह कभी तो आएगी........

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    1. शुक्रिया गगन शर्मा जी।

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  6. बहुत खूब उर्म‍िला जी ... चंचल तितलियों की, फिर धमाचौकड़ी होंगी
    रात के संजोये, हसीन सपने सभी पूर्ण होंगे
    धरा पर फिर नव बिहान, नव रस गान होंगे
    हरिताभ खेत,बन,उपवन ,लहलहा के झूमेंगे ।... नवसंचार करती पंक्त‍ियां

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    1. हार्दिक धन्यवाद अलकनन्दा जी

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  7. स्नेहिल धन्यवाद प्रिय श्वेता,हमारी रचना को साझा करने के लिए।

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  8. हार्दिक धन्यवाद मीना भारद्वाज जी

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  9. आशा की सुराग तलाशती रचना।

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    1. हार्दिक धन्यवाद मान्यवर

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