शिव जी की स्तुति
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नर कपाल कर ,मुण्डमाल गल
,व्याघ्र चर्म तन साजे
अनन्त अखण्ड ,भोले भंडारी ,
भेद न तेरा कोई जाने
जय शिव शंकर जय गंगाधर
जय अविनाशी सुखकारी
जय रामेश्वर ,जय नागेश्वर
हे देवों के देव हे महेश त्रिपुरारी
हे विश्वनाथ!काशी पति
भक्तिदान दो मम ह्रदय निवासी।
जय शशि शेखर जय डमरूधर
जयमृत्यंजय अविकारी
प्रेम भक्ति से तन मन पावन,
चित्त करो पूर्ण प्रकाशित
पूर्ण ज्ञान पूर्ण भक्ति हो
निशदिन चरणों में तेरे अविनाशी
ॐ नमः शिवाय,हर हर महादेव धुन गूँजे
विह्वल मन से धरा पुकारे
हे देवो के देव महादेव कल्याणकारी।।
उर्मिला सिंह
वाह!!!
ReplyDeleteलाजवाब शिव स्तुति
जयमृत्यंजय अविकारी
प्रेम भक्ति से तन मन पावन,
चित्त करो पूर्ण प्रकाशित
पूर्ण ज्ञान पूर्ण भक्ति हो
निशदिन चरणों में तेरे अविनाशी
🙏🙏🙏🙏
हार्दिक धन्यवाद सुधा जी।
Deleteसावन मास में सुन्दर शिव वन्दना।
ReplyDeleteजी शुक्रिया ।
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