उजाला जीवन में तभी आएगा जब इंसानियत का उजाला दिल में जल जाएगा!
उजाला....
कुछ खोकर ,कुछ पाकर देख
गैरों की अपना बना कर देख
तेरा दिल भी खिल जाएगा
किसी पावं के कांटे निकाल कर देख
अंधेरो को मत कोस,हाथ न कुछ आएगा
मन का दिया जला कर देख
एक नया उजाला तुझको दिख जाएगा!!
बहुत सुंदर प्रस्तुति दी
ReplyDeleteवाह,बहुत खूब
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद आपका ओंकार जी
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका मिश्रा जी "ब्लॉग बुलेटिन" में मेरी रचना को शामिल करने के लिये।पुनः धन्यवाद
ReplyDeleteस्नेहिल धन्यवाद अनुराधा
ReplyDeleteकर भला तो हो भला...
ReplyDeleteनिर्दोष भाव की कविता!
हार्दिक धन्यवाद वाणी गीत जी।
Deleteसुन्दर रचना।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद आपको विकास नैनवाल जी।
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