इशारों इशारों में किया इजहारे -इश्क आँखो ने,
नादान समझ पाया न जजबातेँ दिल इशारों में!
समझते बूझतें अनजान बन बैठा ही जालिम,
इश्क हारा नही छलकाया जाम आँखो सेे इशारों में!
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🌷उर्मिला सिंह
सुंदर पंक्तियां दी
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