कभी सड़कों पे हंगामा कहीं नफरत की आवाजे,
तुझी से पूछती भगवन इंसानी तहज़ीब क्या है!
किसी के टूटते ख्वाब कोई सिसकिया ले के रोता
जो आदी है उजालों के उन्हें पता क्या, तीरगी क्या है!
दौलत,ओढ़न दौलत,बिछावन दौलत जिन्दगी जिसकी ,
वो क्या जाने भूखे पेट सोने वालों की बेबसी क्या है!!
सीना ठोक कर जो देश भक्त होने का अभिमान करते
वही दुश्मनों का गुणगान करते,बताओ माज़रा क्या है!!
तोहमत ही तोहमत लगाते एक दूसरे पर हमेशा
कभी आईने से पूछो तुम्हारे चेहरे की असलियत क्या है!!
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