बड़ी बड़ी चुनौतियों से गुज़रा है भारत देश, ये मुसीबत का दौर भी गुजर जायेगा...
माना कि बेमौसम पतझड़ की बरसात हो रही है, एक दिन इसमें भी फूल खिल जायेगा!
न हो उदास साथियों ये रात भी ढल जाएगी आश की किरणों से उजास हो जाएगा....
वक्त कब एक सा रहा है, भला सोचों ज़रा वक्त को भी. कर्मों से अपने इन्सान हरा जाएगा!!
देश गुलजार होगा, हंसेगा नयन काजल, बजेगी पांव की पायल.....
'माता की स्नेह वर्षा,तन मन आल्हादित कर जाएगा !
हिम्मत देंगी हमें "माँ दुर्गा" , आस्था विश्वास राहें दिखाएंगी...
इस विषम घड़ी से भी हम , एक दिन निकल जाएंगे!!
न हो उदास साथियों......
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उर्मिला सिंह