Monday, 18 July 2022

ॐ नमः शिवाय

आप सभी को सावन के सोमवार की हार्दिक शुभकामनाएँ........
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मुण्डमाल,बाघम्बर सोहे.
विषधर संग छटा निराली
मस्तक गंगाधर,शशिधर सोहे
हस्त कपाल श्मशान बिहारी।।

योगी,भोगी अरु ध्यानी  ज्ञानी
आशुतोष तुम औघड़ दानी
भस्म,धतूरा  मदार पुष्प भावे..
तुम हो भोलेशकंरअंतर्यामी।।

ॐ नमः शिवाय हिय बसे 
हे !गौरीशंकर,हे!उमापते
जय-जय-जय हे अभ्यंकर 
अब करुणा कर, मेरे परमेश्वर.....।।

         उर्मिला सिंह
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Wednesday, 13 July 2022

गुरुपूर्णिमा के शुभ अवसर पर.......

आस्था दीप जला सदगुरु वाक्यों का अनुकरण करो....
'तुलसी' की  पूजा करने  वालों, 'गंगा' के गीत लिखो

कटीली टहनियों पर भी खिलते हैं महकते फूल,
दुश्मन की हथेली पर भी प्रेम गीत लिखो।

इधर उधर की बातें छोड़ दिल की बात सुनो,
तम की बात नही चाँदनी के गीत लिखो।

दर्द पराया महसूस कर, इंसान कहाने वालों,
इन्सानियत की कलम से प्रेम के नवगीत लिखो।

नये जमाने की चकाचौन्ध मेंभूलेसस्कृतिअपनी,
दादी-अम्मा के रीत -रिवाजों के स्नेहसिक्तसँगीत लिखो।
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               उर्मिला सिंह

Saturday, 9 July 2022

बदलते समय.....कच्चे रिश्ते....

आज का समय ....जहां रिश्ते मिनटों में बनते बिगड़ते हैं।
        
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शादियों में हल्दी चन्दन सिंदूर तो है
पर रिश्तों के बन्धन का  पता नही
मिठाई,बुलावा ढोल तमाशे तो हैं.....
रिश्तों में प्यार संवेदना का पता नही।।

लिफाफे,उपहार पेकिंग की तारीफ़ तो है शुभकामनाओं की गहराई का पता नही
डब्बो के रंग  डिजाइन की होती तारीफें
महक ,स्वाद का क्या होता कोई पता नही..।।

उम्मीदों की लालटेन हाथों में तो है
ख्वाबों की रोशनी का कुछ पता नही
खुशियों की चाभी औरों के हाथों में...
किस्मत की मंजिल का कोई पता नही।।
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             उर्मिला सिंह