Saturday, 2 November 2024

जिन्दगी में क्या है?

   जिन्दगी में क्या है,कुछ ख्वाब कुछ उम्मीदें

   अगर इनसे खेल सको तो कुछ पल खेलो।।


    रिश्ते लिबास बन गए आज की दुनियां में

    हर चेहरे पर नकाब है देख सको तो देखो।।


    थक  गई अश्कों को छुपाते  छुपाते पलके

    छुपे ज़ख्मों के ज़खीरे देख सको तो देखो।।


  चलते चलते जिन्दगी की कब शाम हो जाए

दिए की लौ कैसे बुझती है देख सको तो देखो।।

  

 समझौता करके चले थे पथरीली राहें तुझसे

पैरों के हंसते छालों कोसमझ सको तो देखो।।

                 उर्मिला सिंह