शिव रात्रि के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
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शिव अनादि है अनन्त है
ॐ नमः शिवाय मन्त्र है
तन पर व्याघ्र चर्म छाल है
गले सर्प माल है......
अनाथों का नाथ है
तूँ ही भोले नाथ है
तूँ ही कालो का काल है
तूँ ही त्रिनेत्र धारी
तूँ ही नील कंठ है
देवो के देव ......
तूँ ही विध्वंस कारी
तूँ ही निर्माण कार्य
तूँ ही करुणामय
तूँ ही त्रिपुरारी है
चरणों में शत शत
वन्दन है.....
तेरी कृपा तेरी दया का
अभिलाषी,हर जन, मन है
जपन तेरा नाम का
'उर्मिल' उर करता
आठों प्रहर है।।
उर्मिला सिंह