Wednesday 26 January 2022

गणतंत्र दिवस पर मन के कुछ भाव....

    सोये जनमानस अब तो जागो,
लहराये तिरंगा सबसे ऊँचा, लक्ष्य यहीं बनाओ।

विकास राष्ट्रवाद का हो भाव, यहीअपनाओ,
 लहराए तिरंगा ऊंचा संकल्प यही दुहहराओ।
समय कुचक्र रच रहा पावों के काँटे मत देखो,
चुनौतियों को स्वीकारो आगे बढ़ हुंकार भरो।।

     सोये जनमानस अब तो जागो,
   राष्ट्र कार्य में आगे बढ़ हाथ बटाओ।।

राष्ट्र भक्त हो तो सत्य धर्म का साथ निभाओ,
लक्ष्य विहीन राजनीति को आईना दिखालाओ।
मगरूर नेताओं को  सबक सिखाना होगा..।
दुर्गम पथ,जान हथेली पर धर,देश धर्मनिभाओ 

    सोये जन मानस अब तो जगो,
शहीदों की कुर्बानी का कर्ज चुकाओ।।
      
 राष्ट्रवाद का नारा नगर,शहर,गांवों में लहराओ..
भ्रष्टाचारियों, देशद्रोहियों को संसद से दूर करो..
नफ़रत,असत्य के पुजारी राष्ट्र वादी होंगे कैसे..
किंचित मात्र इन पर रहमदृष्टि मत दिखलाओ। 

     सोये जनमानस अब तो जागो,
नवयुग शंखध्वनि जगा रही,अब तो जागो ।
                          
पुनीत पावनी धरा शस्य श्यामली रहे सदा,
असंख्य लाल माँ भारती के बलिदान हुये यहां। मशाल उनके शौर्य के बुझा न पाए दुश्मन कभी,
दहाड़ शहीदों की अपनी सांसों में तुम बसाओ। 
         
      सोये जनमानस अब तो जागो ,
 तिरंगा धरती सेअम्बर तक लहराओ।
                 उर्मिला सिंह