Tuesday 20 June 2023

योग दिवस

योग दिवस पर समर्पित हमारी रचना उस महान व्यक्तित्व को.....
जिसने विश्व में योग का बिगुल बजाया .....
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परिचय भला क्या दूं सभी को अपना
देश की सभ्यता संस्कृति,कर्तव्य अपना
देशभक्ति में डूबा देश का एक रक्षक हूं
मौन गरीबों,क्षुधा पीड़ितों का हुंकार हूं।।

कोई बन्धन नही कैदी हूं केवल देश का
हर सांस पर अधिकार केवल  देश का
मुझे रोक सकता नही अब कोई.....
आवाज हूं देश में जन जन के हृदय का ।।

न मरने की चिन्ता न जीने की चिन्ता
कण कण में फूकने भैरव हुंकार लिए चलता
हिन्द की मिट्टी,तुझे छू शपथ आज लेता.....
नही बाधाओं की किया कभी चिन्ता
देश मान,सम्मान है,भारत ही परिचय मेरा।।

योग से लेता प्रेणना निरंतर आगे बढ़ने का
ध्यान, देता आत्मबल सदैव हमारी सोच को
तनाव चिंताओं को प्रतिबंधित कर.....
नित शरीर मन में नव ऊर्जा का संचार करता
शरीर का इससे बढ़कर न कोई मित्र होता।

             नित योग करिए जीवन में स्फूर्ति ऊर्जा का संचार करिए।।
            उर्मिला सिंह

Wednesday 14 June 2023

कल और आज

आज.....

रंगों भरा आसमाँ दिल के 
कैनवास पर उतर आता है
मैंने भी सोचा चलों पन्नो के कैनवास पर...
कुछ तस्वीरें बनाती हूँ.....
रंग बिरंगी ,प्रकृति की मनोरम छटा
कल-कल बहती नदी......
लहराता सागर.....
पनघट पर आती-जाती  ओरतें.....
खेतों की हरियाली .......
झूमती कलियां - खिलतें फूल...
रम गया मन, चित्रों को .........
केनवास पर बनाने में 
सधे हाथों ब्रश चल पड़ा....
कुछ अंतराल के बाद.....
ब्रस रोक कर देखती हूँ
केनवास पर की गई अपनी चित्रकारी,
स्तब्ध रह जाती हूँ.......
उसपर मानसिक विकृतियों....
के अनेक रूपों का चित्र बना था
ऐसा लग रहा था मानो...
समाज की सारी विकृतियां
इस कैनवास पर मुझे
चिढ़ा रही हैं....
मैं सिर पकड़ कर बैठ गई....
शून्य की तरफ़ देखती रह जाती हूँ।।

            उर्मिला सिंह