Thursday 20 February 2020

मुझे शर्तों में मत बांधों.....

मुझे शर्तों में मत बांधो मुझे प्यार करने दो
क्षणभंगुर है ये जीवन मुझे इतबार करने दो
अमरलता  बन के  रिश्तों की डोर  फैली है....
इसे सासों में महसूस कर जीभर के जीने दो!!

जो सपने देखें  है उन्हें आँखों मे ही पलने दो 
उम्मीदों से बँधी जिन्दगी को न तोड़ो जीने दो 
भीनी भीनी महक होगी ईन क्षणों की जिन्दगी में 
मुझे ईन पलों  जीने दो न कोई शर्त बांधों!! 

सागर बन सकती हैं ये आंखे तो आज बनने दो
अश्रु दर्द  बन छलक  पड़ता है तो  छलकने दो
प्यार की प्यास बुझती है इसी शर्त से अगर......
गवारा हर शर्त है मेरी आंखों में आँसूं रहने दो!!

              🌷उर्मिला सिंह


3 comments:

  1. बहुत सुंदर और शालीन रचना....

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  2. बहुत खूबसूरत भावाभिव्यक्ति ।

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    1. हार्दिक धन्य वाद मीना जी

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