Thursday, 19 August 2021

सावन का गीत....मायके में सावन भादो में त्योहारों की झड़ी लगी रहती है ,लड़की को अपने मायके की याद आती है उसी भाव से रचित भोजपुरी रचना है।

सावन भदउवां  में तीज त्योहरवा ....
मनवा करे ला जाईं नैहरवाँ.....

गोरी गोरी कलैया ,हरी हरी चूड़ियां
हथेलिया पर रचैबे मेहंदी का बुटवा
धानी चुनरिया पहिन जाईं नैहरवा....
मनवाँ करेला जाईं नैहरवाँ......

लमवा से देखबे पिया गांव के खेतवा 
लहरात होइहे ओमा पिया हरे हरे धनवां
याद आवे पिया सखिया सहेलियां .. ...
मनवाँ करेला जाईं नैहरवाँ....

निबिया की डलिया ,डालल होइ झुलवा
संग क सहेलियां झूलत होइन्हे झुलवा
झीम झिम बरसत होइन्हे कारे कारे बदरा
कि.. मनवा करेला जाईं नैहरवा....

कजरी के गितिया गुंजत होई दुवरियाँ
मईया उदास कब आई मोर बिटियवा
दुवरे पर ठाढ़ बाबा देखे मोरी रहिया...

कि…मनवाँ करे ला.... जाईं नैहरवाँ
कि मनवा करे ला जॉइन नैहरवाँ......

        उर्मिला सिंह











9 comments:

  1. सावन की सुंदर छटा बिखेरता,और सुखद अनुभूति कराता सार्थक गीत ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद जिज्ञासा जी।

      Delete
  2. बहुत सुंदर गीत रचा आपने उर्मिला जी

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका।

      Delete
  3. बहुत बहुत सुन्दर गीत

    ReplyDelete
  4. नमस्ते..अनिता सैनी जी हार्दिक धन्यवाद हमारी रचना को शामिल करने के लिये।

    ReplyDelete
  5. आलोक सिन्हा जी हार्दिक धन्यवाद रचना की प्रसंशा के लिये।

    ReplyDelete
  6. बहुत सुंदर सृजन दी ।
    रस घोलती सी कजरी।
    सुंदर।

    ReplyDelete
  7. धन्यवाद प्रिय कुसुम

    ReplyDelete