Thursday, 17 March 2022

होली के रंग

शब्द शब्द रंग भरे 
मस्ती छाई भावों में
उड़त गुलाल मन आंगन 
सखि फागुन आयो रे।।

 पलास पलास फागुन दहके 
 अधर रसीले प्रीत से छलके
 सत रँगी रंग रँगी चुनरिया 
 अंगिया रँगी लाल चटकारे 
 सखि फागुन आयों रे....
 सखि फागुन आयो रे...
 
गली गली भौरे मंडराये...
इत उत कलियां इतराये
लाल गुलाल कपोल लगे
शर्मीले नैना झुक झुक जाए रे...
सखि फागुन आयो रे......

महक रही बगिया सारी
बौराये आम की कोमल डाली
उड़े गुलाल लाल भये अम्बर
सतरंगी रंग प्रीत बन चहके
सखि !होली आई रे......
   💐💐💐💐
             उर्मिला सिंह
       









  
   
  

 








11 comments:

  1. होली की मनमोहक छटा को परिभाषित करती सुंदर सराहनीय रचना ,होली की शुभकामनाएँ और बधाई दीदी 💐💐🖍

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    1. प्रिय बहन जिज्ञासा हार्दिकधन्यवाद तथा होली की शुभकामनाएं।

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  2. बहुत सुंदर

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    1. आभार मान्यवर आपका,होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  3. आदरणीया उर्मिला सिंह जी, नमस्ते👏! बहुत अच्छी रचना है। ये पंक्तियाँ बहुत सुंदर हैं:
    पलास पलास फागुन दहके
    अधर रसीले प्रीत से छलके
    सत रँगी रंग रँगी चुनरिया
    अंगिया रँगी लाल चटकारे
    सखि फागुन आयों रे....
    सखि फागुन आयो रे...
    रंगों और उमंगों भरी होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!--ब्रजेंद्रनाथ

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    1. होली की शुभकामनाओं के साथ हार्दिक धन्यवाद।

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  4. होली जैसे स्वयं फाग खेलन रही है बहुत सुंदर सृजन दी।
    अनंत शुभकामनाएं।
    सादर।

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    1. प्रिय कुसुम स्नेहिल धन्यवाद एवम होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  5. बहुत बहुत धन्यवाद अनिता सैनी जी हमारी रचना को चर्चा मंच पर रखने के लिए। होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  6. वाह! प्रकृति, ऋंगार और फागुन की फुहार! बधाई और आभार!!

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