Saturday 2 April 2022

नवरात्री पर गीत

नवरात्रि के नव दिनों में माता अवतरित हो कर समस्त सृष्टि को अपने आशीर्वाद से सिंचित पल्वित करती है ,मां अदृश्य होती हैं पर भक्ति श्रद्धा उनके कोमल चरणों में होतो आसपास महसूस होती हैं।
  
मईया की बाजे पैजनियाँ
मईया ...मेरे घर में पधारी
कृपा की बरसे बदरिया
मईया मेरे घर में पधारी.....

रंगोली सजाऊँ  मईया चौक पुराउं
फूलन से सजाऊँ घर दुवरिया
मईया ...मेरे घर में पधारी....

पान सोपाड़ी ध्वजा नारियल
निबिया की  बहे  ठंढी बयरिया
मईया ....मेरे घर में पधारी

आसन सजाऊँ पांव पखारु 
महावर लगाऊं लाली लाली
मईया .....मेरे  घर में पधारी

लाल हरी चूड़ियां पहनाऊं
चुन्दड़ी उढाऊँ लहरेदार
मईया मेरे....घर में पधारी

                       
काजू किशमिश सेभोग बनाऊं
हलुवा पूड़ी से थाल सजाऊँ...
कंचन थार में दीप जलाऊं 
मईया ....मेरे घर में पधारी

आशीष देवें मईया भरि भरि अंचरा
अचल सोहाग जैसे गंगा क धरिया
चरणा देखी सुख पाऊं

 मईया..... मेरे घर मे पधारी

           उर्मिला सिंह
 

 

2 comments:

  1. मैया के स्वागत में सुंदर मनोहारी गीत ।
    नव संवत्सर और नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐

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  2. नव संवत्सर पर्व की हार्दिक बधाई।
    सुंदर रचना।

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