Tuesday, 25 February 2025

बिखरी जिंदगी..


  

बिखरी जिंदगी......

 ************

दिल टूटता गया 

 हम बिखरते गए

सम्हलने की कोशिश में

हर बार  शिकस्त खाते गए

 लहूलुहान कदम

चलते रहे दर्द चुभते रहे

   अधर मुस्कुराते रहे

तन्हाइयों से अश्क ...

गुफ्तगू करते.....

 बिखरी जिंदगी को ....

समेटने की कोशिश

 फिर वहीं....

उदासी के लिबास में 

 लिपटी मेरी मुस्कान

न शिकवा न शिकायत

 मेरी बिखरी जिन्दगी  को

 हौसला देते, बस हौसला देते

 हम खामोश,निर्विकार

      🌷उर्मिला सिंह🌷

Saturday, 22 February 2025

हृदय में क्रंदन

हृदय में क्रंदन उर ज्वाला,जीवन गीत लिखूं कैसे 

अश्कों के सजल रथ में, मोम से ख्वाब  पिघलते

व्यथा की पीर दिशाओं में हवाओं के संग भटकते

बिखरे स्वप्न फूलों से,मन अंचल में छुपाऊं कैसे?


 हृदय में क्रंदन उर ज्वाला,जीवन गीत लिखूं कैसे


भावों के गीत मनोरम सब जीवन से लुप्त हुए 

आहों की सरगम में जीवन के दिन रात व्यतीत हुए।

आरोह,अवरोह,पकड़ सब भूल गया विकल मन.... भव सागर के लहरों से जीवन नैया पार करूं कैसे।


हृदय क्रंदन उर ज्वाला जीवन गीत लिखूं कैसे...

 

स्वर खोया शून्य में,अग्नि में समर्पित तन 

उड़ती चिंगारियों के बाद बचेगी थोड़ी भस्म

सजल दृगो की करुण कहानी..गंगा में प्रवाहित 

वेदना कणों की समर्पण के गीत लिखूं कैसे।


हृदय क्रंदन उर ज्वाला जीवन गीत लिखूं कैसे....।


                  उर्मिला सिंह






Saturday, 15 February 2025

प्रेम......की सीढ़ियां

प्रेम की सीढ़ियां,....
      प्रेम की अभिव्यक्ति
          मौन से होती है
      प्रेम सम्मान चाहता है
          अपमान नहीं
       प्रेम स्वीकृती चाहता है 
          अस्वीकृती नहीं
        प्रेमाश्रु समझ सके..
     प्रेम ऐसा दिल चाहता है
      प्रेम  समर्पण चाहता है
              त्याग नहीं
        प्रेम हास्य चाहता है
              रुदन नहीं
        प्रेम विश्वास चाहता है
            अविश्वास नहीं
          प्रेम साथ चाहता है
            तन्हाइयां नहीं
          प्रेम मौन होता है
                मुखर नहीं
           प्रेम पद चिन्हों को....
             छोड़ जाता है 
            जमाने के लिए.....
                ******
          🌷उर्मिला सिंह🌷

Wednesday, 12 February 2025

प्रार्थना का मूल रूप

प्रार्थना का मूल रूप.....

    *****0*****

प्रार्थना जितनी गहरी होगी 

उतनी  ही  निःशब्द होगी

कहना चाहोगे बहुत कुछ 

कह ना पाओगे कभी कुछ।


विह्वल मन होठों को सी देंगे

अश्रु आंखों के सब कह देंगे

संवाद नही मौन चाहिए .....

 प्रभु मौन की भाषा समझ लेंगे।।

        💐💐💐💐

    

          

 




  

  

 

 

 



 

 

 

Friday, 10 January 2025

वक्त

वक्त तेरी राहों  पे चलते चलते उम्र ढल जाती है

बिन जिए ये जिन्दगी जाने कैसे गुजर जाती है।।


न शिकवा न शिकायत खामोशियों का अlलम है

वक्त की मेहरबानियों के आगे जिंदगी हार जाती है।


कहां से चले थे कहां पहुंचे गए  हम पता नहीं

सुरभित सांसें आज वेदना के स्वर में खो जाती हैं।


मिट मिट कर जीवन मूल्य चुकाएं हैं नश्वर जग में

वक्त वेदी पर,अश्रु,लहरों के अर्घ्य चढ़ाने आती है।


जीवन के प्रश्नोत्तर समाप्त सभी हो जाते है.....

जब आशाएं बिन मंजिल पाए अदृश्य हो जाती हैं।


                  🌷उर्मिला सिंह🌷



Tuesday, 31 December 2024

नव वर्ष 2025 स्वागत है तुम्हारा

नव वर्ष 2025 ...
  *******
स्वागत है नवल धवल नव वर्ष तुम्हारा।।

स्वागत को आतुर हृदय,
मुस्कुराते खिलखिलाते 
गुनगुनाते,उमंगों को जगाते,
नई किरणे !

नए ख्वाबों के पंख फहराते ,
नवल धवल नव वर्ष 2025  का!!
                  

स्वागत है नवल धवल नववर्ष तुम्हारा स्वागत है!!

प्रेम पवित्रता की रश्मियां ,
पावन हृदय करें !
ऐसा सुन्दर भाव भरो
बुद्धि मन पर विजय करें!!

स्वागत है नवल धवल नव वर्ष तुम्हारा!!
 
 पलट कर अब देखें नहीं,
 गुजरे मायूस पलों की  यादें!
आगे स्वर्णिम भविष्य हो,
शीतलता की छांव हो...
ऐसा नव विहान हो !!

स्वागत है नवल धवल नव वर्ष तुम्हारा !!
 
 नव कल्याण  हो,
 हर धर्म का सम्मान हो,
 प्रेम सद्भावना की लहर उर में उठे....
 नन्हा सा दीपक
 अमन का जगमगा उठे !

मोहब्बत की फिज़ा , खुशबू फैलाए !
दिलों की दूरियां,
कुदरत मिटाए !
जाति-पाति की 
कुरीतियां भूल,
 एक दूसरे को गले लगाए !!

स्वागत है नवल धवल
नव वर्ष तुम्हारा !!
स्वागत है!!

राजनीति के अम्बर पर,
दिदीप्त मान सूर्य लिए!
सत्ता के प्रलोभन से मुक्त,
देश के युवा,कर्णधार हो !!
नेताओं की  नीति में  ,
वसूलो का नव संदेश लिए !
आओ, नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है!!

स्वागत है नवल धवल नव वर्ष तुम्हारा ।

दुर्बल  दीन हीन को 
अभय दान मिले !
कृषक को , उनके
परिश्रम का फल मिले !!
 नारी का सम्मान हो ,
 नव ऊर्जा का आगाज़   
  हो !!
  
आओ नव वर्ष  तुम्हारा    स्वागत है !!

स्वागत है धवल नवल नव वर्ष ,तुम्हारा स्वागत है !!

          🌷उर्मिला सिंह

अलविदा 2024

अलविदा 2024…
कुछ शिकायतें ,
कुछ प्यार भरी बातें,
कुछ सर्द कुछ गर्म,
कुछ खट्टा कुछ मीठा,
इंद्रधनुषी रगों में रंगे...
जीवन के अनेक सपने!
कुछ की याद आते ही
 छा जाते मायूसियों के साए ...
कभी मुस्कानों की चहल कदमी,
कभी ठहाकों की सर्द रातें...
बहुत याद आओगे 
वर्ष 2024 !
कुछ कड़वी यादें ,
आंखों से मूसलाधार बरसाते,
कुछ नोक-झोंक,
कुछ दर्द की बिसाते,
यादों की गुल्लक से
छलकते पैमाने ...
वक्त के आगोश से-
बिखरी कई यादें!
घड़ी की टिक-टिक
बिदा के पल..
नजदीक आगया
अल बिदा-अल बिदा जाते हुए2024 के दिसम्बर !!
         ....उर्मिला सिंह