Friday 29 November 2019

हसीन ख्वाबों के बिस्तर से.....

हसीन ख्वाबों के बिस्तर से उठा गया कोई 
हवा के नर्म झोंकों से दीवाना बना गया कोई!

 लबों पर मुस्कराहट सलीके से सजा गया कोई 
 सुनहरी  किरणों से अंचल मेरा भर गया कोई! 

 दूनिया की चमक दमक में डूबे प्यार के रंग पर 
 अपनी अकलुष मोहब्बत का रंग चढ़ा ग़या कोई!

 बिखरी हो  चाँदनी जैसे गुलाबों के शाख पर.... 
 जिन्दगी के आंगन में चाँद तारे बिखरा गया कोई! 

 फूलों सा नाज़ुक एहसास है उसकी आहटों का 
 एक अनजानी सी प्यास मन में जगा गया कोई! 
                      *****0*****
                       उर्मिला सिंह 




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