Wednesday, 30 August 2023

राखी के धागे....

रिश्तों के स्नेहिल धागे रक्षाबंधन
         पावन स्नेह के साक्षी रखी के बंधन।।

रिश्तों की महक खो गई रफ़्तार की जिंदगी में
 राखियां अपना वजूद ढूढती आज की जिंदगी में
 स्नेह का वो बन्धन जाने कहां खो गया.....
 बनावटी स्नेह के धागों में सिमट गई जिंदगी।

 आधुनिकता के दौड़ में भूल गए जिन्दगी
 ख्वाबों की चमक में भूल गए हंसी, दिल्लीगी
 अब न वो अपनापन, न रही बचपन की दोस्ती
 भावशून्य इंसान,मशीन सी संचालित जिन्दगी।।

                उर्मिला सिंह
 

1 comment:

  1. सुन्दर | उम्मीदें बनी रहें | शुभकामनाएं |

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