बहुत याद आओगे जाते हुए 2023
जाड़ो की गुनगुनी धूप ,
मोतियों सी चमकती नर्म दूबों पे शबनम !
लिपटे हुए सर्द कोहरे में हम ,
यादों की माला जाती महक !
गज़क मुमफली की मीठी यादें ,
दोस्तों के संग बिताई हुई रातें !
बहुत याद आओगे जाते हुए 2023दिसम्बर !!
यादों के ज़हन में बिखरे कई रंग ,
कुछ तल्खियों के मंज़र ,
कुछ ग़मों के कोहरे हैं
गुज़रते कारवाँ की गुबारे
बीते लम्हे जो कसक बन चुभते ,
भुलाये नहीं भूलेंगे कभी !
बहुत याद आओगे जाते हुए 2023दिसम्बर !!
यादों की रजाई में ठिठुरते ,
कई रंजो गम के पिटारे हैं खुलते !
कुछ बिखरी पंखुड़ियां खुशिओं की ,
दिए जाते हो अंचल में मेरे !
जीने का मकसद बताते हुवे....
जुदाई का गम दिए जाते हो......,
बहुत याद आओगे जाते हुए2023 दिसम्बर !!
मिलना - बिछुड़ना जगत की रीत है ,
उम्मीदों के सहारे ज़िन्दगी चली है !
फिर नई किरणे फैलेंगी अम्बर में ,
गुज़रे लम्हों की यादों में ,
हमारी ही आँखें नम तो नहीं !
रफ्ता-रफ्ता वक़्त सफर तय करता रहा !
घड़ी की सुइयाँ मनुहार से भी रुकती कहाँ ,
अलविदा जाते हुए 2023दिसम्बर !
बहुत याद आओगे जाते हुए दिसम्बर !!
## उर्मिल ##
रफता-रफ्ता वक़्त सफर तय करता रहा !
ReplyDeleteघड़ी की सुइयाँ मनुहार से भी रुकती कहाँ ,
अलविदा जाते हुए दिसम्बर !
बहुत याद आओगे जाते हुए दिसम्बर !!
बहुत खूब नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं आपको 🙏
हार्दिक आभार कामनी जी
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