Monday 27 July 2020

कभी सड़को पे हंगामा.......J

कभी सड़कों पे हंगामा कहीं नफरत की आवाजे,
तुझी से पूछती भगवन इंसानी संस्कृति क्या है!

 
किसी के टूटते ख्वाब कोई सिसकीयों को रोकता
जो आदी है उजालों के उन्हें मालूम नही तीरगी क्या है!

दौलत,ओढ़न दौलत,बिछावन दौलत जिन्दगी जिसकी ,
वो क्या जाने भूखे पेट  सोने वालों की बेबसी क्या है!!

सीना ठोक कर जो देश भक्त होने का अभिमान करते 
वही दुश्मनों का गुणगान करते,बताओ मजबूरी क्या है!!

तोहमत ही तोहमत लगाते एक दूसरे पर हमेशा
कभी आईने से पूछो तुम्हारे चेहरे की सच्चाई क्या है!!

                   उर्मिला सिंह







17 comments:

  1. हार्दिक धन्यवाद रविन्द्र सिंह यादव जी हमारी रचना को शामिल करने के लिए।

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  2. आपके प्रश्न वाजिब हैं ...
    देश समाज में कुछ लोगों पर फ़र्क़ ही नहीं पड़ता इन बातों का ...
    हर बंध कमाल है आपका ...

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    1. हार्दिक धन्यवाद दिगम्बर नासवा जी सराहना के लिए।

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (29-07-2020) को     "कोरोना वार्तालाप"   (चर्चा अंक-3777)     पर भी होगी। 
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  
    --

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    1. हार्दिक धन्यवाद डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'जी
      हमारी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए।

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  4. तोहमत ही तोहमत लगाते एक दूसरे पर हमेशा
    कभी आईने से पूछो तुम्हारे चेहरे की सच्चाई क्या है!!
    बहुत उम्दा सृजन दी ।
    लाजवाब।

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    1. स्नेहिल धन्यवाद प्रिय कुसुम।

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  5. दौलत,ओढ़न दौलत,बिछावन दौलत जिन्दगी जिसकी ,
    वो क्या जाने भूखे पेट सोने वालों की बेबसी क्या है!!
    वाह!!!
    क्या बात...
    बहुत ही सुंदर।

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  6. हार्दिक धन्यवाद सराहना के लिए आपका सुधा
    जी।

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  7. सुंदर और सामयिक रचना...💐💐

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    1. हार्दिक धन्यवाद सिंह साहब आपका।

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  8. आ उर्मिला सिंह जी, बहुत अच्छी रचना। हर बंद सशक्त और सटीक! ये पंक्तियाँ लाजवाब हैं:
    तोहमत ही तोहमत लगाते एक दूसरे पर हमेशा
    कभी आईने से पूछो तुम्हारे चेहरे की सच्चाई क्या है!!--ब्रजेन्द्रनाथ

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  9. ह्रदय तल से धन्यवाद मान्यवर सराहना के लिए आपके शब्द हमारे लिए प्रेणना है।

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  10. बहुत सुंदर रचना दी 👌

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    1. हार्दिक धन्यवाद अनुराधा जी।

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  11. दौलत,ओढ़न दौलत,बिछावन दौलत जिन्दगी जिसकी ,
    वो क्या जाने भूखे पेट सोने वालों की बेबसी क्या है!!
    गहन चिंतन

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  12. आभार आपका मान्यवर।

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