Thursday 6 August 2020

जिह्वा पर प्रभु नाम रहे.......

जिह्वा पर प्रभु  नाम  रहें  , नैनो में  रघुनाथ
सिय की छवि ह्रद में बसे, लखन हनु रहें साथ।।

सत्कर्मों में मन लिप्त रहे,जीवन का हो ध्येय
दीन  दुखी के  कष्ट हरें, कभी न सोचे हेय।। 

प्रीत डोर ऐसी बन्धे ,जैसे चाँद चकोर
दूर से निरखत रहें,प्रीत करें पुरजोर।।

मिट्टी  चन्दन है  देश की , माथे  लेउ  लगाय
देश हित प्राण उत्सर्ग हो,जन्म सफल होजाय।।

सुख दुख खेल जीवन का,फँसा हुआ हर कोय
कर्म क्षेत्र यहीं तुम्हारा ,बिन कर्म मुक्ति ना होय ।।      
                   *****0*****
                                        उर्मिला सिंह          


11 comments:

  1. सुंदर दोहे...
    उत्कृष्ट रचना ..
    💐💐

    ReplyDelete
  2. गागर मे अमाय रहा सागर
    उत्तम वचनो से गूँथे हार

    ReplyDelete
  3. अनिता सैनी जी सर्वप्रथम शुभप्रभात ...
    हमारी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए ह्रदय से धन्यवाद।

    ReplyDelete
  4. बहुत सुन्दर।
    दोहे तो नहीं हैं ये।

    ReplyDelete
  5. इसी लिए मैंने दोहे नही लिखा मान्यवर।

    ReplyDelete
  6. बहुत खूब,बेहतरीन अभिव्यक्ति,सादर नमन

    ReplyDelete
  7. आभार मान्यवर आपका।

    ReplyDelete
  8. वाह बहुत सुंदर दोहे दी।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद प्रिय अनुराधा बहन।

      Delete
  9. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  10. जीवन के विभिन्न रंगों को संजोते सुंदर दोहे आदरणीय दीदी | आखिर अध्यात्म और मोक्ष ही तो जीवन का परम लक्ष्य है | सादर -

    ReplyDelete